कैसे सिर्फ ज़िप बेचकर खड़ा कर दिया अरबों का कारोबार - YKK Zip Business Case Study

ज़िप (ज़िप) बेच कर बनाया 6 अरब डॉलर से अधिक की कंपनी : YKK Group


क्या आपने कभी अपने पैंट या बैग की ज़िप पर ध्यान दिया, अगर आप उस पर गौर करेंगे तो देखेंगे कि 10 में से लगभग 6 से 7 ज़िप या चैन सिर्फ YKK कंपनी की ही मिलेगी लेकिन क्या कोई कंपनी सिर्फ ज़िप बेचकर अरबों की सेल कर सकता है तो जवाब है हां सिर्फ ज़िप बेचकर 6 अरब डॉलर से ज़्यादा कमाने वाली कंपनी? जी हां, YKK नाम की कंपनी यही कमाल करती है! हर बस्ते, कपड़े में लगे वो ज़िप शायद YKK के ही होंगे! जानिए कैसे शुरू हुई YKK और कैसे बनी ज़िप की बादशाह?


Tadao Yoshida YKK Zip Business Case Study
YKK : Tadao Yoshida


तडाओ योशिदा कौन है? :


एक छोटे से जापान के गांव से निकलकर दुनिया भर के बाजार पर राज करने वाली कंपनी YKK का सफर वाकई में प्रेरणादायक है। कहानी शुरू होती है 20 साल के एक लड़के से Tadao Yoshida से, जो जापान की एक ट्रेडिंग फर्म में काम करता था और वह वहां खुश था। कंपनी चीन से मिट्टी के बर्तन मंगाती थी, पर 1934 में कंपनी दिवालिया हो गई। तब Yoshida को उस कंपनी के मालिक ने ज़िप बनाने का एक छोटा-सा कारखाना दे दिया। कंपनी बहुत बड़ा नहीं था और हालत भी ठीक नहीं थी। उस दौर के ज़माने में ज़िप हाथ से बनती थीं। तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से इसी ज़िपर किंग की कहानी को सुलझाएंगे


ज़िप का आविष्कार :


असल में ज़िप का आविष्कार अमेरिका में हुआ था और अमेरिकी कंपनियां इस बाज़ार पर राज करती थीं। Yoshida ने कंपनी में कई बदलाव किए, क्योंकि उसकी हालत बहुत खराब थी। वो Rancho (3 इडियट्स) जैसे थे, मशीनों पर प्रयोग करते रहते थे ताकि उन्हें बेहतर बना सकें। उन्होंने ज़िप बनाने की मशीन बनाई ताकि ज़्यादा ज़िपें बन सकें। वो दूसरी फ़ैक्ट्रियों के पास गए और उनसे बड़े पैमाने पर ये मशीनें बनाने का आग्रह किया, ताकि ज़्यादा ज़िपें बना सकें। पर सभी फ़ैक्ट्रियों ने मना कर दिया, कहने लगे कि वो सिर्फ YKK के लिए इतनी मशीनें नहीं बना सकते। हार मानने के बजाय Yoshida ने खुद ही मशीनें बना लीं। धीरे-धीरे उन्होंने ज़िप बनाने के लिए हर एक चीज़ खुद बनानी शुरू कर दी। इस तरह YKK ग्राहकों की ज़रूरत के हिसाब से, अच्छी क्वालिटी की ज़िपें बना पाने लगी। इस वजह से वो "वर्टिकल इंटीग्रेशन" हासिल कर पाए (मतलब सप्लाई चेन का पूरा कंट्रोल उनके पास था), इसलिए वो अपने विरोधियों से बेहतर कर पाए।


YKK का विस्तार :


अपनी मेहनत की बदौलत 1960 के दशक में YKK ने जापान में 95% बाज़ार हिस्सा हासिल कर लिया और सबसे आगे आ गई। अब बड़ा बनने का एक ही रास्ता था - पूरी दुनिया में फैलना। पर ये इतना आसान नहीं था। दूसरे देशों में ज़िप भेजना मुश्किल था, एक्सपोर्ट ड्यूटी ज़्यादा थी जिससे फायदा नहीं होता था। इसलिए Yoshida ने दुनिया भर में YKK की शाखाएं और फ़ैक्ट्रियां खोलने का फैसला किया। साथ ही उन्होंने वहां के ग्राहकों की ज़रूरत के हिसाब से ज़िप बनाने पर ध्यान दिया। इसके लिए उन्होंने "ग्लोबलाइज़ेशन" का इस्तेमाल किया (मतलब दुनिया भर में एक ही प्रोडक्ट बेचना, लेकिन उसे हर देश के ग्राहकों के हिसाब से थोड़ा बदलना)


YKK का फिलोसॉफी :


YKK का ये दर्शन है: "दूसरों का भला किए बिना कोई तरक्की नहीं कर सकता"। आसान शब्दों में, सफल होने के लिए दूसरों का भला भी करना ज़रूरी है। ये बात Yoshida ने ही ब्रांड से जोड़ी थी। ये खासकर बिज़नेस की दुनिया में सच है, जहां ये साफ है कि खुश ग्राहकों से ही बिज़नेस चलता है। YKK ने लगातार नवाचार किया और कुछ ही समय में उनकी ज़ीपर गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए मशहूर हो गई। उन्होंने ज़िप के डिजाइन, फंक्शन और चैन को स्मूथ बनाने पर जोर दिया।साथ ही एक अच्छे मेटल का प्रयोग किए। ये ग्राहक को वैल्यू फॉर मनी और टिकाऊ प्रोडक्ट्स उपलब्ध करवाते है। योशीदा का लक्ष्य बेहतर जिपर बनाना जो मजबूत हो, टिकाऊ और इस्तेमाल करने के आसान हो। उनका मानना था कि कोई भी ziper किसी भी कपड़े कि जान होती है और अगर सही तरीके से बनाए जाएं तो वे कपड़ों को एक अलग लुक प्रदान करते है।


YKK का योगदान :


पुराने समय में वस्त्रो में लगने वाला ज़िप की क्वालिटी अच्छी ना होने के कारण लोग इस समस्या से काफी परेशान थे। पैंट की ज़िप कब खराब हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं थीं इसके साथ इस इस समस्या के वजह से शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता था। इसी समस्या पर YKK कंपनी ने काम किया और इसका हल निकाल दिया। इस कंपनी के ज़िप अच्छी क्वॉलिटी के साथ टिकाऊ और सुंदर होते है। YKK के पास ग्लोबल ज़िप मार्केट का 40% हिस्सा है। हर साल YKK 30 लाख किलोमीटर ज़िप बनाती है - जो पूरी दुनिया को 80 से ज़्यादा बार घेर सकती है। भले ही 1993 में Tadao Yoshida का निधन हो गया, पर कंपनी उनके आदर्शों पर ही चलती है। आज YKK ज़िप के मामले में एक ग्लोबल ब्रांड है और यह 71 देशों में फैली हुई है, 91 फैक्ट्रियों के साथ और लगभग 35,000 कर्मचारियों के एक मजबूत परिवार है।


सफलता के सूत्र :


तो, YKK की सफलता का राज़ क्या है? आइए कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर नज़र डालें:


  • गुणवत्ता पर ज़ोर : शुरुआत से ही, YKK ने हमेशा गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनकी ज़िपर बेहतरीन मटेरियल से बनी होती हैं, सख्त क्वालिटी कंट्रोल से गुजरती हैं और टिकाऊ होने के लिए जानी जाती हैं।

  • नवाचार का जुनून : YKK लगातार नया करने में विश्वास रखती है। उन्होंने ज़िपर के डिजाइन और कार्यक्षमता में कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, जिससे उन्हें बाजार में अग्रणी स्थान मिला है।

  • वैश्विक महत्वाकांक्षा : किनिची का सपना सिर्फ जापान में सफल होने का नहीं था। उन्होंने शुरू से ही YKK को एक वैश्विक ब्रांड बनाने का लक्ष्य रखा था, और उनके निरंतर प्रयासों ने उन्हें सफलता दिलाई।

  • कर्मचारियों का सम्मान : YKK अपने कर्मचारियों को परिवार का हिस्सा मानती है। कंपनी उचित पारिश्रमिक, अच्छे काम के माहौल और कौशल विकास के अवसर प्रदान करती है। यह प्रतिबद्धता कर्मचारियों की वफादारी और उत्पादकता को बढ़ाती है।


सिर्फ जिपर नहीं, ज़िम्मेदारी भी (Not Just Zippers, but Responsibility):


YKK सिर्फ ज़िपर बनाने से ज्यादा करती है। कंपनी सामाजिक और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी को भी गंभीरता से लेती है। वे टिकाऊ प्रथाओं को अपनाते हैं, कचरे को कम करने का प्रयास करते हैं और स्थानीय समुदायों के विकास में योगदान देते हैं।


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तो आपको यह पोस्ट कैसा लगा आप हमें कमेंट करके बता सकते है या आप किस टॉपिक या बिजनेस कैसे स्टडी पर दूसरा पोस्ट चाहते है वो भी हमें बता सकते है।

                Your EasyGyany


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